इस रंग बदलती दुनिया के अंदाज निराले लगते हैं इक चेहरे पर कितने चेहरे अंदाजा लगाते रहते हैं इंसानों की इस दुनिया में है रंग चढ़ा किसपे कितना इंसान ने इतने रंग बदले गिरगिट बेचारे लगते हैं जो फूल की करते रखवाली वो ही चुभते है माली को मेरे जैसा कोई और नहीं काटो कांटो की डाली को द्वंद है किससे न जाने पर स्वयं से लड़ते रहते है कांटो में वो न चुभन नहीं खुद को ही चुभने लगते है इंसानों ने इतने रंग बदले.... रंग...... #deardeepakk #story_telling_by_deardeepakk #deardeepakk_writes #poetry #life