एक ज़मीं मेरी भी है बुनी हुई है,जिसमे यादें तेरी उग आती है हर रोज़ जिनमें अधूरे इश्क के कुछ पोध मेरे!! एक आसमान मेरा भी है, निहारती हूं घंटों हर रात उसे जहां टिमटिमाते हैं सारे वादे तारों से जुगनूओं से मंडराते हैं ख्वाब मेरे!! एक जहां मेरा भी है, जहां होती है गुफ्तगू हर रोज़ तुमसे नाकाम होती हूं जब भी कुछ कहने में बड़ी आसानी से समझा जाते हैं शब्द मेरे!! #Adhura Mann# एक ज़मीं मेरी भी है... #मेरीज़मीं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi