गुज़ारिश है तुमसे, तुम राधिका बनकर, इस धाम को मेरे, ब्रजधाम रखना।। रहना तुम मेरी श्यामा बनकर, मुझे तुम अपना घनश्याम रखना।। मुरली की धुन से, जो प्यारी धुन है, मन मोहिनी धुन को मेरे नाम रखना।। बन जाना धड़कन बेशक मेरी तुम, बस सीने में मेरे, मेरी जान रखना।। #words #poetry