जिन्दगी को उस ढलती शाम जैसी ना बनाओ...। जिसमें तुम्हें थकावट, नारजगी,निराशा जैसे निरर्थक तत्व प्राप्त हो...। जिन्दगी को उस सुबह जैसी बनाओ....। जिसमें तुम्हें स्फूर्ति,खुशी, आशा, उमंग, जैसे सार्थक तत्व मिले...। ✍️जितेन्द्र भटकर #Morning#lifeisbast #lifeislong#lifeisastraggl