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हर शाम कुछ इस तरह से गुज़र जाता है । कतरा-कतरा द

हर शाम कुछ इस तरह से
गुज़र जाता है ।

कतरा-कतरा 
दर्द बढ़ता जाता है ।

हंसते मुस्कुराते चेहरे पर अचानक,
आंसूओं का बाढ़ आ जाता है ।

बेवक्त बेवजह कोई अपना,
याद आ जाता है ।

©Jyotshna 24 कोई अपना

#koiapna#google#qoute#nojoto
हर शाम कुछ इस तरह से
गुज़र जाता है ।

कतरा-कतरा 
दर्द बढ़ता जाता है ।

हंसते मुस्कुराते चेहरे पर अचानक,
आंसूओं का बाढ़ आ जाता है ।

बेवक्त बेवजह कोई अपना,
याद आ जाता है ।

©Jyotshna 24 कोई अपना

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