भागती भीड़ में भी ठहरा हूँ, मैं बदल जाऊं ये मुमकिन नहीं... मुझे में गुज़रा हुआ एक ज़माना है, मैं हर साल बदलता कैलेंडर नहीं... ©paritosh@run मैं कैलेंडर नहीं...