कुछ यूँ बातों की सुरुआत हुईं तुमसे..... तुम्हारी ही तसली को रखते हुए बात हुई तुमसे। न जाने क्यों तुम्हारी आरज़ू कब बड़ी फिर दिल में । फिर कैसे जान हर गई तुम पे ......!!!!!! Tum👣 #poetry #writergoal #कुछ यूँ #बातों की #सुरुआत हुईं तुमसे..... #तुम्हारी ही #तसली को रखते हुए बात हुई तुमसे। न जाने क्यों तुम्हारी #आरज़ू कब बड़ी फिर #दिल में । फिर कैसे #जान हर गई तुम पे ......!!!!!!