ये सुनसान रातें तन्हाई का साथ,,इश्क़ में अब दर्द ही दर्द ही मेरे पास ना कुछ कह सकते है, ना पास बुला सकते है ,,ये आँखें देखो कर रही बरसात क्यों तुम सुन कर अनसुना कर गयें,, इक तुमसे ही तो लगाई थी मैंने कई आस अब ये सुनसान रातें चिखती मेरी आवाज,, तुम खो गए,हम कितने अकेले हो गए आज बार बार दिल कहता है "Queen",,लौट कर आजा ओं तुम ,ओ यार मेरे प्यार मेरी इस तन्हाई में तुम्हारे याद मेरे पास,,फिर आवाज लगायी मैंने तुम्हें आज ।।। 🎀 Challenge-220 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी कविता लिखिए। (ध्यान रहे कविता लिखनी है)