रकीबों से वास्ता हम नहीं रखते बिना मतलब की दोस्ती हम नहीं रखते, जो भी कहना है कह देते हैं मुंह पर किसी की पीठ पीछे बुराई हम नहीं रखते, जिनको जाना है बेशक चले जाए जहन्नुम में दिल के टुकड़े में हम किसी बे मुरव्वत को नहीं रखते, गर्दिश में होंगे लाख सितारे दीपक एक ही चंद रखते हैं हजार सितारे हम नहीं रखते, यूं तो कहीं आकर मिलते हैं हमसे गले लेकिन जेहन से उतार देते हैं ,और, यादों में भी नहीं रखते ।.. ©Deepak Kumar ©Deepak Kumar #Anger