Nojoto: Largest Storytelling Platform

सोचा था कि मेरी दुनिया बसाओगे तुम खबर न थी आग घर ह

सोचा था कि मेरी दुनिया बसाओगे तुम
खबर न थी आग घर ही मे लगाओगे तुम

नज़ाक़त ही कहते हैं जिसे दुनियावाले 
देखे कैसे चेहरे पे चेहरा चढ़ाओगे तुम

बहोत गहरे है राज़ हुस्न ए क़यामत
कितने किस्सों पे पर्दा चढ़ाओगे तुम

नायब है दिल फेंक तेरी मोहब्बत भी
कितने आशिक़ों से वादा निभाओगे तुम

ईरादा कुर्बान होने का ही था जाने मन
इंतज़ार था किस ईरादे से बुलाओगे तुम

महकेगी "अखिल" हर जहन वो खुशबू 
कितने छुप कर भी ख़त मेरे जलाओगे तुम kuch dil se..
सोचा था कि मेरी दुनिया बसाओगे तुम
खबर न थी आग घर ही मे लगाओगे तुम

नज़ाक़त ही कहते हैं जिसे दुनियावाले 
देखे कैसे चेहरे पे चेहरा चढ़ाओगे तुम

बहोत गहरे है राज़ हुस्न ए क़यामत
कितने किस्सों पे पर्दा चढ़ाओगे तुम

नायब है दिल फेंक तेरी मोहब्बत भी
कितने आशिक़ों से वादा निभाओगे तुम

ईरादा कुर्बान होने का ही था जाने मन
इंतज़ार था किस ईरादे से बुलाओगे तुम

महकेगी "अखिल" हर जहन वो खुशबू 
कितने छुप कर भी ख़त मेरे जलाओगे तुम kuch dil se..
akhileshray4360

Akhilesh Ray

Bronze Star
New Creator

kuch dil se.. #Shayari