कच्ची डोर रेशम की है पक्का नेह का नाता बहन जब रूठ जाती तो मैं झट से था मना लेता। याद आती है बचपन की खट्टी मीठी वो यादें, बहन का नेह आँखों से सरहद पर छलक जाता।। सुनीता बिश्नोलिया © ® #राखी एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं #राखी #स्वतंत्रता #दिवस