"मंजूरी -- एक ख्वाहिश" मुझे तुम आज खुद में डूब जाने की मंजूरी जरा दे दो, जो अब तक बंधा रहा था मैं तेरी यादों के चंगुल में, मुझे तुम एक बार आजाद होने की मंजूरी जरा दे दो, यू जो अब तक गुजारे थे तड़प के मैंने जो अरसे, तुम मुझको उनसे पार जाने की मंजूरी जरा दे दो, जो अब तक मेरा तकिया कहता था मैं हूं बड़ा तन्हा, तुम उसको एक बार हमदम बन जाने की मंजूरी जरा दे दो, जो मेरा आईना कहता था मैं हूं बड़ा मायूस, तुम उसको एक बार मुस्कुराहट पाने की मंजूरी जरा दे दो, जो मैं अब तक छुपाए बैठा था मेरी आंखों में जो आंसू, तुम उसको एक बार बह जाने की मंजूरी जरा दे दो, जो अब तक अपनी तनहाइयों को बना रखा था मेरा साथी, तुम उसको एक बार यारी निभानी की मंजूरी जरा दे दो, जो इतना कर दो तुम मुझ पर एहसान बड़ा होगा, यह मुझको कब्र मे सोने की मंजूरी जरा दे दो...... ---(GUSTAKHI MAAF) #Manjoori -- #ek #khwaahish