तेरे संग जीना है मुझको तेरे संग मरना है मुझको तुझसे उम्मीद बहुत है यारा अब लिपटकर रोना है मुझको जाने कैसी है ये तुझसे दूरी तुझसे अब मिलना है मुझको ये कैसी मजबूरी है तू जाने ना तेरे साथ साथ चलना है मुझको हर बात पर क्यूँ रोते है आरिफ तेरे संग ऐसे ही जीना है मुझको ©Mohammad Arif (WordsOfArif) तेरे संग जीना है मुझको तेरे संग मरना है मुझको तुझसे उम्मीद बहुत है यारा अब लिपटकर रोना है मुझको जाने कैसी है ये तुझसे दूरी तुझसे अब मिलना है मुझको