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मेरी आरज़ू है फजर में उठाए मुझको शरीक-ए-हयात..! औ

मेरी आरज़ू है फजर में उठाए मुझको शरीक-ए-हयात..!

और आरज़ू यह भी है, कि साथ में उसके, मैं जन्नत देखूँ।।

©KHINYA RAM GORA
  मेरी आरज़ू है फजर में उठाए मुझको शरीक-ए-हयात..!

और आरज़ू यह भी है, कि साथ में उसके, मैं जन्नत देखूँ।।10.2.23

मेरी आरज़ू है फजर में उठाए मुझको शरीक-ए-हयात..! और आरज़ू यह भी है, कि साथ में उसके, मैं जन्नत देखूँ।।10.2.23 #लव

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