दिलों का भी ना अजब नाता है अनायास ही कोई भा जाता है जो सोचा नहीं होता वो जाता है कोई दिल में घर कर जाता है ! जिसका ख़याल भी ना आया हो वो शख़्स हक़ीक़त बन जाता है। पलभर की दूरी दुश्वारी बन जाती लगता है उससे जन्मों का नाता है। दिल अपनी चाह से क़ैदी बन जाता है जो उसे मर्ज़ी का जेलर मिल जाता है। ♥️ Challenge-968 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।