कभी कभी ज़िन्दगी ले जाती ऐसे टापू पर ना चाहते हुए भी जहां फंस जाते हैं हम पास से देखने पर जो लगता है काफ़ी सुंदर चाहते नहीं निकलना बाहर हम उस टापू से अकेलापन जो होता है सुकून देने लगता है खुश होते हैं टापू पर देख खूबसूरत नज़ारे लेकिन मैं ये कहता हूं निकल जाओ उस टापू से क्या पता उससे भी ज्यादा सुंदर टापू मिल जाए कहीं नज़ारे देखने को साथी भी एक मिल जाए.. ©Sawan Sharma कभी कभी ज़िन्दगी ले जाती ऐसे टापू पर ना चाहते हुए भी जहां फंस जाते हैं हम पास से देखने पर जो लगता है काफ़ी सुंदर चाहते नहीं निकलना बाहर हम उस टापू से