कल फिर तुम्हारी याद में दीपक जला लिया, देखा किये थे ख्वाब में आंखो को मूंद कर। खिलता हुआ सा चहरा ओझल सा क्या हुआ, रोया भी था मैं आंख के आसु को पोंछकर । ©Senty Poet #Love #pyaar #Jain #Saxena #Gupta #Sharma #Poet #Dosti #AkelaMann