टूट गया बहम मेरा सच सामने आने से। लगा ऐसे जैसे लुट गया सबकुछ खजाने से। बिलख रही है सांस मेरी इतना दर्द पाने से। परिंदों को शिकायत है मेरे ना मुस्कुराने से। जहां शक हो वहां क्या फायदा आजमाने से। टूट गया बहम मेरा सच सामने आने से। कितना कुछ हुआ है तेरे जाने से । बिछड़ गया है ये परिंदा अपने आशियाने से। तुझे मुबारक खुशियां हम गमों के साथ रह लेंगे। तन्हाइयां पसन्द है हमें पकड़कर उनका हाथ रह लेंगे। तोड़ देंगे हम नाता इस जमाने से। टूट गया बहम मेरा सच सामने आने से। बिलख रही है सांस मेरी इतना दर्द पाने से। परिंदों को शिकायत है मेरे ना मुस्कुराने से। ©Sandip rohilla #Trees Shilpa Yadav SIDDHARTH.SHENDE.sid Anupriya Shikha Sharma gauranshi chauhan #शून्य राणा