मैं इक आवारा मसीहा हूँ… आज इक आवारा ……मसीहा बनना चाहता है। शायद वो अपने अनुभाविक मन की सहमी बातों को बताना चाहता हैं…! मेरे ख्याल से आवारा मसीहा वो होता है जो सभी लोगो से न जुड़कर भी उनके दर्द को, खुशी को अभिलाषा, जज़्बात को महसूस करता है । उन्हें दूर से ही अपना बनना चाहता है। आवारा मसीहा कुछ कहना चाहता है…! कुछ पक्की तो कुछ कच्ची कहानी सुनिए ज़रा आवारा मसीहा की जुबानी। #आवाराख़याल #आवारापन #आवाराwriter #आवारादिल #collabwithme rj rehan roy