Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी मां मां तू किस हाल में है मुझे नहीं पता मगर

मेरी मां

मां तू किस हाल में है मुझे नहीं पता
मगर मै अपना हाल लिखता हूं। 
यादों में तेरे रोकर 
हर रोज़ मै सोता हूं ।
सुबह को फिर याद तेरी
बेमिसाल फिर रोता हूं।
मुझे नहीं पता तेरा हाल 
मगर मै अपना हाल लिखता हूं 
जरा देख तेरे लला की हालत
क्यों खराब है ये सवाल लिखता हूं।
मां  मै अपना हाल लिखता हूं।
तू मुझे अपने आंचल में क्यों नहीं छुपाती
ये ज़माना जलिम है तू  मुझे अपने पास क्यों नहीं बुलाती
फिर से एक बार मुझे अपने  गोद में सुलाती
खूबसूरत परियों की  वहीं पुरानी कहानियां सुनाती
लोरी गाकर फिर तुम मुझे सुलाती 
जो  मै इस कदर सिसकियां लेता हूं।
तू प्यार  से मुझे समझती दो चार फटकार लगती
मां तू किस हाल में है मुझे नहीं पता मगर मै अपना हाल लिखता हूं।।
                                                           writen by ,-vishwajeet singh mujhe nahi ptaa maine kya likha hai magar apna haal likha hu 
aaplog he btao mai ye kya likha huu
मेरी मां

मां तू किस हाल में है मुझे नहीं पता
मगर मै अपना हाल लिखता हूं। 
यादों में तेरे रोकर 
हर रोज़ मै सोता हूं ।
सुबह को फिर याद तेरी
बेमिसाल फिर रोता हूं।
मुझे नहीं पता तेरा हाल 
मगर मै अपना हाल लिखता हूं 
जरा देख तेरे लला की हालत
क्यों खराब है ये सवाल लिखता हूं।
मां  मै अपना हाल लिखता हूं।
तू मुझे अपने आंचल में क्यों नहीं छुपाती
ये ज़माना जलिम है तू  मुझे अपने पास क्यों नहीं बुलाती
फिर से एक बार मुझे अपने  गोद में सुलाती
खूबसूरत परियों की  वहीं पुरानी कहानियां सुनाती
लोरी गाकर फिर तुम मुझे सुलाती 
जो  मै इस कदर सिसकियां लेता हूं।
तू प्यार  से मुझे समझती दो चार फटकार लगती
मां तू किस हाल में है मुझे नहीं पता मगर मै अपना हाल लिखता हूं।।
                                                           writen by ,-vishwajeet singh mujhe nahi ptaa maine kya likha hai magar apna haal likha hu 
aaplog he btao mai ye kya likha huu