हम मुसाफ़िर हैं ख़ालिस और ये ज़िन्दगी सफ़र है। सुनो जो दिल कहता है बस वही हमसफ़र है। दर्द और ख़ुशी के पड़ाव कितनी देर उनकी ठहर है। वो दोनों ही ऐसे आते हैं जैसे मानसूनी लहर है। जो थम गए अंधेरे के डर से तब अंधेरा भी उनपे क़हर है। जो चल दिए हिम्मत करके दो क़दम में ही सहर है। हम मुसाफ़िर हैं ख़ालिस और ये ज़िन्दगी सफ़र है। सुनो जो दिल कहता है बस वही हमसफ़र है। दर्द और ख़ुशी के पड़ाव कितनी देर उनकी ठहर है। वो दोनों ही ऐसे आते हैं