जिगर का टुकड़ा जिनसे मेरी हर मुराद पूरी हो जिसके बिना मैं अधूरा लब्ज़ हूँ जो वो पढ़ ले तो मैं पूरी किताब हूँ जिसके ज़हन की पहली और आखरी ख्वाईश हूँ मैं तेरी रूह तेरी ही परछाई हूँ हैं तू मेरे जिगर का टुकड़ा मैं भी तुमसे अलग कहा तुममे ही तो समाई हूँ #Relationships#Heart#decembar#Day16