वृक्ष, वन , उपवन , जहां प्राकृतिक सौंदर्यता को दर्शाते हैं।
खूबसूरत पर्यावरण से घिरा होता हैं। वहां वृक्षों को क्यूँ काटा जा रहा हैं। जहां शहरों गांव बस्ती में हरे-भरे खेत हरियाली के बीच में सुंदर हमें जीवन देते हैं। हवा , पानी औऱ हमारी साँसों को महत्व देते हैं।
वहां खेत खलिहान गांव बस्ती शहरों में वन उपवन क्यूँ नष्ट कर रहें हैं। मोहल्ले घर गलियां पेट्रोल पंप खेत खलिहानों को जहां नष्ट करके बना रहें हैं।
जब खेत खलिहान गांव बस्ती शहरों में होंगे नहीं तब हवा सांस औऱ ऊर्जा कहाँ से मिलेगी। जहां खेत खलिहानों को नष्ट कर रहें हैं। गांव,बस्ती, शहरों में हर जगह प्लॉट काट कर मकान पेट्रोल पंप बना रहे हैं।
हर जगह यही हाल हो रहें हैं,जब वृक्ष वन उपवन खेत खलिहान ना होगा हवा नहीं चलेगी तो हमें साँस कहाँ से मिलेगी जीवन कहाँ से मिलेगा पानी कहाँ से मिलेगा।
कहते तो सब यही हैं पर्यावरण की रक्षा करो औऱ ख़ुद पर्यावरण की रक्षा करने की जगह खेत खलिहान को काट कर मकान पेट्रोल पंप बनाते चलें जा रहें हैं।
पर्यावरण की रक्षा करना सबका अधिकार हैं, पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलना सबका उद्देश्य हैं।
इस उद्देश्य को सब मिलकर सफल बनायें, हर जगह पेड़ पौधे वृक्ष लगाए और अपना जीवन बचाइए।
वृक्ष, वन, उपवन खेत खलिहान जहाँ नहीं होंगे वहां कभी पर्यावरण संरक्षण नहीं होगा। जीवन जिससे मिलता है, हमें वहां जीवन कभी जीवन नहीं होगा। ना रहेंगे वृक्ष, वन उपवन तो ना रहेगी प्रजातियां ना होगी वर्षा और ना होगी हरियाली।
पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य है, इस ही पर्यावरण से मिलता हमें जीवन है।
जहां होगी हरियाली, वहां होगी, वर्षा जहां होगी, हरियाली वहां होगा जीवन।
वृक्ष, वन,उपवन, खेत खलिहानों से ही मिलती हैं, हमें ऊर्जा
वृक्ष , वन , उपवन ,खेत खलिहानों से ही मिलता हैं,हमें जीवन औऱ इस ही जीवन से जन्म लेता हैं नया जीवन।
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