हो जाए न पथ में रात कहीं मजिल भी तो है दूर नहीं यह सोच थका दिन का पथी भी जल्दी जल्दी चलता है दिन जल्दी जल्दी ढलता है। मुझसे मिलने को विकल् मै होऊ किसके हित चंचल यह पवन शिथिल करता पद को भरता उर मे विह्वलता है दिन जल्दी जल्दी ढलता है! ©Shubham Rawat दिन जल्दी जल्दी ढलता है #Stars