तन्हाइयों में चीख़ के रोये, महफ़िलों में ख़ामोशी से मुस्कुराये हैं बाद तुम्हारे ख़ुदा ख़ुदा करके ये दिन भी हमने गुज़ारे हैं 4/9/22