कैसी है ये दुनिया अब जाकर मैंने है जाना, ना आना किसी की बातों में मीठा कितना दिखे सामने पैमाना, सदा सुन उस रब की जिसने तेरा अस्तित्व है बनाया, पकड़ना दामन उनका जिनमें दिखे रब की भक्ति का परछाया ॥ जो मदद करेगा जरूरतमंद की तो दुखो से दूर तू हो जाऐगा , आर्शीवाद के फूल वो ईश्वर सदा तुझ पर बरसाएगा ॥ बस कभी न भूलना इंसानियत को तब ही तू मात ना खाऐगा, कि गलत रस्तो पर ना जाकर कई अरसो तक नाम स्वर्ण अक्षरों में अमिट हो जाऐगा ॥ ©Dr Supreet Singh #जीने_की_राह