इस कोरोना और लॉकडाउन के नाम से यह कौन सी आपदा अभी आई है? किसी के ख़ुशियों पे नज़र सी लग गयी है, तो किसी के ज़रूरतों ने उन्हें रुलाई हैं। किसी के लिए एक द्वीप भी कम पड़ रही है, तो किसी की दुनिया एक तम्बू पे बंद होके समायी है, माने कि खुद को सुरक्षित रखना भी ज़रूरी है, मगर ज़रूरत के मौके पे अपनों ने भी खुदगर्ज़ी दिखाई है; फिर भी हम उनके भले की कामना करते हैं और उनके लिए प्यार और प्रार्थना ही हमारे दिल में समायी है, अब और सहन नहीं होता भगवन, इस विपदा से निकलने के लिए हम सब भक्तों की आपसे दुहाई है। हम सब साथ अगर मिल जाएँ, तो इस कष्ट से भी जल्द हो जानि हम सब की रिहाई है। आप सबसे बस इसी बात की प्रार्थना है, की इस आपदा के समय में सब एक दूसरे का हाथ थाम के चलें। मुझे यकीन है कि हम निश्चित रूप से जल्द ही एक साथ जीतेंगे। आप सबसे बस इसी बात की प्रार्थना है, की इस आपदा के समय में सब एक दूसरे का हाथ थाम के चलें। मुझे यकीन है कि हम निश्चित रूप से जल्द ही एक साथ जीतेंगे। Quarter century of lockdown, it is. Write your #lockdowndiary for #day25lockdown #rishirishstories #rishirish #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Baba