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कोशिश तो बस इतनी सी थी कोई नाराज न हो मुझ से। सब क

कोशिश तो बस इतनी सी थी
कोई नाराज न हो मुझ से।
सब को खुश करने की 
जो आदत सी है मुझे ।
बस खुदा से इतनी सी दुआ है
किसी के दर्द पे मरहम लगाने 
का वक्त  सिर्फ मिले मुझे। 
चाहे कितनी भी काटों की राहों में छोड़ दे 
उसका कोई डर न है मुझे, 
बस मुझे इतनी सी डर है 
तुझे काटों जैसी राहें न मिले 
तु जब भी मिले मुझे 
फूलों जैसी राहों से गुजरती हुई मिले॥ #kantesh
कोशिश तो बस इतनी सी थी
कोई नाराज न हो मुझ से।
सब को खुश करने की 
जो आदत सी है मुझे ।
बस खुदा से इतनी सी दुआ है
किसी के दर्द पे मरहम लगाने 
का वक्त  सिर्फ मिले मुझे। 
चाहे कितनी भी काटों की राहों में छोड़ दे 
उसका कोई डर न है मुझे, 
बस मुझे इतनी सी डर है 
तुझे काटों जैसी राहें न मिले 
तु जब भी मिले मुझे 
फूलों जैसी राहों से गुजरती हुई मिले॥ #kantesh