कोशिश तो बस इतनी सी थी कोई नाराज न हो मुझ से। सब को खुश करने की जो आदत सी है मुझे । बस खुदा से इतनी सी दुआ है किसी के दर्द पे मरहम लगाने का वक्त सिर्फ मिले मुझे। चाहे कितनी भी काटों की राहों में छोड़ दे उसका कोई डर न है मुझे, बस मुझे इतनी सी डर है तुझे काटों जैसी राहें न मिले तु जब भी मिले मुझे फूलों जैसी राहों से गुजरती हुई मिले॥ #kantesh