#FourLinePoetry किसी और से तुलना करूँ, ये न फ़ितरत है ना औक़ात मेरी, मैं वो शख़्सियत हूँ, जो ख़ुद में कल से आज बेहतर होना चाहती है। ©Divya Joshi मेरी अपनी मंजिलें मेरी अपनी दौड़😊 किसी और से तुलना करूँ, ये न फ़ितरत है ना औक़ात मेरी, मैं वो शख़्सियत हूँ, जो ख़ुद में कल से आज बेहतर होना चाहती है। #fourlinepoetry