किताआ मेरे पास दिल नही साहब बला है मुझे इससे बहुत जियादा गिला है। जब चाहे जिस पे आ जाता है कई मर्तबा इसकी वजह से दर्द मिला है। तालिब हुसैन तालिब हुसैन