सुना है अगर जिसे शिद्दत से चाहो/बेइंतेहा मोहब्बत करो वो हमेशा तुम्हें छोड़ ही देती है । तो क्यों ना हम अपने गमों से नफरतों से बेइंतेहा मोहब्बत करे इसके छोड़ने से वो दर्द तो नहीं होगा। @@