तो गर ये आज आज नाराज़ है, कल ये भी मान जायेगा। तो क्या हुआ गर ये रात है, कल फिर सवेरा आएगा । ये दिल जो संभला है आज, कल टुकड़ों में टूटा था। जो आज मेरे पास है, कल मुझसे ही रूठा था । जो आज मुट्ठी में है मेरे, कल तक ना वो मेरा था। जो उम्मीद का घर है आज, कल निराशा का बसेरा था। जो सपना मेरा सच है आज, कल रात भर वो सोया था। जो भी मैने पाया है आज, कल ही तो खोया था। तो गर ये आज आज नाराज़ है, कल ये भी मान जायेगा। तो क्या हुआ गर ये रात है, कल फिर सवेरा आएगा।