अपनी तकलीफों से मैं खुलकर बतियाता हूंँ. मैं अश्कों को हंँसने का भी इल्म सिखाता हूंँ. छप्पर से जिस दिन रोटी की खुशबू आती है उस दिन खाली जेबों से भी जश्न मनाता हूँ असफलताएं मेरी जिद को छीन नहीं सकतीं, यार हथेली पर मैं सरसों रोज जमाता हूंँ. खूब मजा आता है मुझको ऐसा करने में, ग़म के एहसासों की महफिल रोज सजाता हूंँ सूख नहीं पाए हैं अब तक जख्म पुराने भी फिर से और नए जख्मों की आहट पाता हूंँ. एक सरोवर में ढल जाती बूंँद मुहब्बत की, इस पानी से नफरत की मैं आग बुझाता हूंँ. सबको अपने -अपने मन की बात लगा करती, मैं गजलों में शब्दों के जो चित्र बनाता हूंँ. सच का पक्ष रखा करता मैं पूरी ताकत से, तानाशाही निर्णय पर प्रतिरोध जताता हूंँ. ©JUGNU RAHI #tanha #no #nojotohindi #nojotonew #nojohindi #nojotonews #ka #New #News #nojotothought