लफ्ज़ को चुन-2 कर, उन पर झूठ की परत चढ़ाकर, थोड़ी सी मिठास मिलाकर, अपने बेहतरीन लहज़े में, दूसरों तक पहुँचाना। इतनी मेहनत.....बिना किसी ज़हमत के, कर रहा है ज़माना, ना लफ्ज़ों से कोई ताल्लुक, ना इंसान की भावनाओं से, बस अपने मकसद को है पाना। ऐसे लफ्ज़ों के जाल में, फंस तो जाते है लोग, क्या ऐसे धोखे से कुछ पाना, सच में है पाना..?? दिल से, बिना किसी मिलावट के, बेरोक आते लफ्ज़, ऐसे घर कर जाते हैं, दूसरे के दिल पर, मानो, दिल...दिल से बात कर रहा हो मिल कर। 😊😊 #DilSeNikleAlfaaz#Behtareen..!!😊