Nojoto: Largest Storytelling Platform

#5LinePoetry कभी जिस हवा को ह्म अपनी साँसो के सा

#5LinePoetry  कभी जिस हवा को 
ह्म अपनी साँसो के साथ 
किसी के रूह को मेहसूस
कर संकुण से याद कर लिया
करते थे,अब तो तो हवा भी खफ़ा 
हो गई हैं,हमारी गल्तियों के कारण 
अब तो न ही खुल के उसकी ताज़गी
 को मेहसूस कर सकतें हैं और न ही 
सुभा की ठंडी-ठंडी हवा के उन 
झोंके को मेहसूस कर सकते है,अप्नी 
साँसो के साथ!!

©ShivShankar #5LinePoetry #Nature 
ठंडी हवा के झोंके
#5LinePoetry  कभी जिस हवा को 
ह्म अपनी साँसो के साथ 
किसी के रूह को मेहसूस
कर संकुण से याद कर लिया
करते थे,अब तो तो हवा भी खफ़ा 
हो गई हैं,हमारी गल्तियों के कारण 
अब तो न ही खुल के उसकी ताज़गी
 को मेहसूस कर सकतें हैं और न ही 
सुभा की ठंडी-ठंडी हवा के उन 
झोंके को मेहसूस कर सकते है,अप्नी 
साँसो के साथ!!

©ShivShankar #5LinePoetry #Nature 
ठंडी हवा के झोंके
shiv1786306743248

ShivShankar

New Creator

#5LinePoetry #Nature ठंडी हवा के झोंके