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कल्पना सूख गई कल्पना की नदी कहाँ चले कविता की नौका

कल्पना सूख गई कल्पना की नदी
कहाँ चले कविता की नौका
मौसम भी हो गया प्रतिकूल
उल्टी दिशा झुके मस्तूल 
बहती यदि कल्पना सरिता
कुछ प्रवाह लहरों के आते
गीत ग़ज़ल कविता बन जाते
क्षण में बीत जाती सदी 
सूख गई कल्पना की नदी
-मन्यु # kalpana
कल्पना सूख गई कल्पना की नदी
कहाँ चले कविता की नौका
मौसम भी हो गया प्रतिकूल
उल्टी दिशा झुके मस्तूल 
बहती यदि कल्पना सरिता
कुछ प्रवाह लहरों के आते
गीत ग़ज़ल कविता बन जाते
क्षण में बीत जाती सदी 
सूख गई कल्पना की नदी
-मन्यु # kalpana
manyumanish2269

Manyu Manish

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