बात पिता की है तो सुनों , पिता ;आपके जीवन का वो पक्ष है जो इस जीवन रूपी युद्ध क्षेत्र में स्थिर रहना सिखातें हैं , लड़ना और जीतना भी समझातें हैं और स्वयं भी युद्ध लड़ जातें हैं सिर्फ तुम्हारें खातिर ..... मगर कभी-कभी ये किरदार एक माँ भी निभाती है -Kajalife The day .....