बेशक़ ओर कोई हुनर नहीं है मुझमें, खारे समंदर सी शख़्सियत हमारी है ! उदय हो चाहे अस्त मेरी किस्मत, हर ऐब से लड़नेकी हमें बीमारी है ! ख़्वाहिशें हज़ार पाली है हमने, हासिल क़लमकी कलाकारी है ! जाना, जब रूबरू हुए हम ख़ुदसे, Nidhi ख़ुदाके दरबारमें अब बारी हमारी है । #उदय #nanhikalam