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वो शामें होती नही अब जहाँ हम दोस्त मिला करते थे अब

वो शामें होती नही अब जहाँ हम दोस्त मिला करते थे अब तो सीधे रात हो जाती है..
दिन का भी पता नही चलता में अपने कमरे में रहता हूँ इस तरह तन्हा हर दिन ज़िंदगी मेरी बीत जाती है..
अब तो दिन ज़िंदगी में होता नही सीधे रात हो जाती है(२)!!
शायर-राहुल पटैरिया #राहुल_की_शायरी
#nojoto
#nojoto_world
वो शामें होती नही अब जहाँ हम दोस्त मिला करते थे अब तो सीधे रात हो जाती है..
दिन का भी पता नही चलता में अपने कमरे में रहता हूँ इस तरह तन्हा हर दिन ज़िंदगी मेरी बीत जाती है..
अब तो दिन ज़िंदगी में होता नही सीधे रात हो जाती है(२)!!
शायर-राहुल पटैरिया #राहुल_की_शायरी
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