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पक्षपात मैं शुरुआत से ही प्रकृति के साथ रही हूँ

पक्षपात    मैं शुरुआत से ही प्रकृति के साथ रही हूँ
और उसके साथ रहते हुए....
आप इसका आशय समझ ही नहीं पाएंगे, 
पता है क्यूं.... ? 
क्यूंकि प्रकृति ने कभी पक्षपात किया ही नहीं! 
उसके लिए हर सजीव, हर निर्जीव समान है
चींटी से लेकर मनुष्य तक, 
भोर से लेकर सांझ तक, 
मुझसे लेकर तुम तक, 
सब एक हैं उसके लिए...!!

©Kajalife.... #WForWriters
#Kajalife
#Nojotowriter
#17March
पक्षपात    मैं शुरुआत से ही प्रकृति के साथ रही हूँ
और उसके साथ रहते हुए....
आप इसका आशय समझ ही नहीं पाएंगे, 
पता है क्यूं.... ? 
क्यूंकि प्रकृति ने कभी पक्षपात किया ही नहीं! 
उसके लिए हर सजीव, हर निर्जीव समान है
चींटी से लेकर मनुष्य तक, 
भोर से लेकर सांझ तक, 
मुझसे लेकर तुम तक, 
सब एक हैं उसके लिए...!!

©Kajalife.... #WForWriters
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