शीर्षक:- प्रकृति@nature है प्यार बहुत तूझसे भी देती रहती हो तव्वजत मुझे अविरल अविरल कभी धूप ,कभी बरखाऔर कभी ऋतु वसन्त ये आबो रंग हवा,तितिलयो सी उडी फिरती हो ! कभी कल कल झरने का पानी,