सुन ऐ ज़िन्दगी ना अलबेली सुबह चाहिए, ना मस्तानी शाम चाहिए, ना ही शोहरत की है आरजू, ना ही कोई इनाम चाहिए, थक गया हूँ अनचाहे रास्तों पे चल चल कर ऐ ज़िन्दगी, मेरे हसरतों के काफिले को कुछ पलों का आराम चाहिए..! BY:— © Saket Ranjan Shukla IG:— @my_pen_my_strength थक गया हूँ ऐ ज़िन्दगी...! . . ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© ➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺➺ Like≋Comment