Nojoto: Largest Storytelling Platform

असाध्य रोगों के दो ही कारण होते हैं। एक विषैला अन्

असाध्य रोगों के दो ही कारण होते हैं।
एक विषैला अन्न और विषैले विचार।
वैसे तो विचार भी अन्न पर ही निर्भर है।
जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।
अन्न को ब्रह्म कहा जाता है।
विषहीन अन्न लुप्त प्राय: हो चुका है। #सुप्रभातम
#पंछी , #पाठकपुराण , #येरंगचाहतोंके साथ  सुबह की शुरुआत करते है काफ़ी दिनों से मैंने अपने मूल प्रकार की पोस्ट नही की अब हाज़िर है थोड़ा सा ज्ञान थोड़ा सा मनोविज्ञान...😊सभी विद्वत जनों का स्वागत है।
:
विकास के दो बड़े यमदूत-
रासायनिक खाद और प्रभावी कीटनाशक-
हर रोज दरवाजे पर दस्तक देते
दिखाई पड़ रहे हैं।
:
असाध्य रोगों के दो ही कारण होते हैं।
एक विषैला अन्न और विषैले विचार।
वैसे तो विचार भी अन्न पर ही निर्भर है।
जैसा खावे अन्न, वैसा होवे मन।
अन्न को ब्रह्म कहा जाता है।
विषहीन अन्न लुप्त प्राय: हो चुका है। #सुप्रभातम
#पंछी , #पाठकपुराण , #येरंगचाहतोंके साथ  सुबह की शुरुआत करते है काफ़ी दिनों से मैंने अपने मूल प्रकार की पोस्ट नही की अब हाज़िर है थोड़ा सा ज्ञान थोड़ा सा मनोविज्ञान...😊सभी विद्वत जनों का स्वागत है।
:
विकास के दो बड़े यमदूत-
रासायनिक खाद और प्रभावी कीटनाशक-
हर रोज दरवाजे पर दस्तक देते
दिखाई पड़ रहे हैं।
: