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खामोश हैं मेरे लब्ज़ भी, थम सी गई है नब्ज भी, न जा

खामोश हैं मेरे लब्ज़ भी,
थम सी गई है नब्ज भी,
न जाने किसका मुंतज़िर
मेरे गीत, शेर-ओ-नज़्म भी।।

©आशुतोष भट्ट #talaash #मुंतज़िर #लब्ज़ #खामोश