आज तुम अपने मुस्तक़बिल की इबारत लिख रहे हो। कल तुम अपने बच्चों से कह देना कि तुम्हे रोज़ पढ़े।। अली अहमद 'दरभंगवी' इबारत-तहरीर, लेख, मज़मून #AliShayari