भीग जाऊं तेरे साथ बारिश में पर वो बरसात नही होती, बयां जो करदे तुझसे मेरी चाहत दिल के खाते मे कभी वो अल्फाज नही होती!! मै और तुम हम बन जाएं तेरे दिल मे ऐसी कोई जज्बात नही होती, सिमट के तेरी बांहों में तेरी अमानत बनूं क्यूं वो मुलाकात नही होती!! क्या हो तुम मेरे लिए ये लफ्जों मे बता न सकूंगी, तुम वो लम्हा हो मेरे लिये जिसे मैं दोबारा जीना चाहूंगी!! फासलों मे भी समझ सको अनकहे एहसास मेरे इंद्रधनुष के जादू सा कोई करामात नही होती, सिमट के तेरी बांहो में तेरी अमानत बनूं क्यूं वो मुलाकात नही होती!! जन्मों का वास्ता है ऐसा महसुस हुआ जब-जब निगाहों ने तुझे प्यार से छुआ, मिल जाए तु बनके सिंदूर मेरा रब से मांगी है मैने ऐसी दुआ!! सोलहवां सावन का तु मेरा घूंघट खोले ऐसी सुरमयी चांद वाली रात वही होती, सिमट के तेरी बांहों मे तेरी अमानत बनूं हां,ये मुलाकात वही होती......!! ©Sunitashatruhansingh Netam #रात_की_बात जादूगर