सचमुच एक बात तो हम सब महसूस करते हैं कि आजकल का पाठ्यक्रम उपभोक्तावाद संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है जहां शिक्षा का क्षेत्र एक सेवाभावी क्षेत्र ना होकर व्यापार का केंद्र बनता जा रहा है शिक्षण संस्थानों और पाठ्यक्रम की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि बच्चे को आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करें और उनके स्वागत विकास का पूरा ख्याल हो आजकल अधिकांश शिक्षण केंद्र बच्चों को तोते की तरह पाठ्यपुस्तक कोर्ट जाते हैं और और और प्रश्न उत्तर भी उन्हें कटवाते हैं अंकों की आधी दौड़ में जो जितना अधिक नंबर लाता है वही होशियार के लाता है ©Ek villain #navratri गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा की जरूरत