आज कल नींद रातों को आती नहीं एक तेरी याद दिल से हां जाती नहीं रात भर जागता हूं तेरी याद में तेरी खुशबू भुलाई हां जाती नहीं!! मुद्दतो से हूं मैं तो हां सोया नही याद में बस तेरी मैं तो खोता रहा आंख झरने सी बहती रही ओ सनम याद में बस तेरी मैं तो रोता रहा!! सुन ओ संगदिल ये तूने हां क्या बात की प्यार के बदले ये कैसी सौगात दी मुझसे ऐसी हुई क्या खता तू बता दिल मेरा तोड़ तू बेवफा क्यूं हुई?? कवि : इंद्रेश द्विवेदी (पंकज) ©Indresh Dwivedi #pls_like_comment_and_share