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कतरा कतरा बिखर रहा मैं रेत सा सिमट भी जाउँ कैसे हव

कतरा कतरा बिखर रहा मैं रेत सा
सिमट भी जाउँ कैसे
हवा को छोंका तेज था 
दिलों दिमाग दूर हुआ जिस्म से 
फिर क्या पता 
कि मैं कौन था 
कि रेत सा हूँ मैं अब जो उड़ रहा 
यारों
हवा का छोंका तेज था

©writer....Nishu...
  #रेत सा

#रेत सा

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