देखी है राह तुम्हारी रात भर दिन भर सोई नहीं है आंख मेरी दिन भर रात भर इन आंखों ने देखा है बस तेरा ही रास्ता रास्ते में कोई और ना मिले तुझे मेरा वास्ता तुझसे मिलने की आस बस दिल में बसा कर रखी है एक बार आकर हां या ना कह जा कह जा तेरी यादों में इन आंखोंने नींद ""और"" हया छोड़ रखी है Gudvin.barche@g